#BlessedtobeSikh इतिहास गवाह है गुरु तेग बहादर के पोते अपनी सिखी से टस से मस ना हुए और शहादतों के नए मुकाम बना गए । सहिबज़ादे मुस्कुराए और कहा " सुबैया हम गुरु गोबिंद सिंह के बचे है , किसी डर या लालच के अधीन धर्म छोड़ दे ये मुमकिन नही , जब हमारे दादा जी किसी दूसरे धर्म को बचाने के लिए इस्लाम कबूल नही किया , तो हम तो अपने धर्म के लिए लड़ रहे है । गुरु गोबिंद सिंह के उन शेरों की दहाड़ सुन्न के सूबा सरहंद से रहा न गया और उन निक्कियां जिंदा के उपर जुल्म की हर हद पार कर दी , ऐसे जुल्म की देखने वाले क